सहजता थी, सादगी थी,बंदगी थी। ये सोशल मीडिया और इंटरनेट नहीं था तो ज़िन्दगी थी. सहजता थी, सादगी थी,बंदगी थी। ये सोशल मीडिया और इंटरनेट नहीं था तो ज़िन्दगी थ...
प्यार से भरदो झोली खिलने दो नादान कलियाँ। प्यार से भरदो झोली खिलने दो नादान कलियाँ।
जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा। जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा।
संघर्ष ही जीवन है... संघर्ष ही जीवन है...
मोहब्बत के मायने बदल जाते हैं प्यार की चंद पन्नो की किताब में। मोहब्बत के मायने बदल जाते हैं प्यार की चंद पन्नो की किताब में।
ढल जाती है हर सांचे में ऐसी मुलायम मिट्टी है। ढल जाती है हर सांचे में ऐसी मुलायम मिट्टी है।